Chaitra Navratri 2024: 9 दिनों तक चलेंगे व्रत, जानें पूजा और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri 2024 – साल 2024 में चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है। 9 दिनों तक चलने वाले नवरात्रि के 9 दिन पर शुभ संयोग रहेंगे, जो खुशहाली लेकर आएंगे। इस साल चैत्र नवरात्रि पर घटस्थापन के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं।

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Chaitra Navratri 2024 की तारीख:

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 9 अप्रैल को भारतीय नव संवत्सर 2081 का आगाज होगा। इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि, कुमार योग और अमृत सिद्धि योग और रेवती व अश्विनी नक्षत्र में वासंती नवरात्र भी शुरू होंगे। मध्याह्न में अभिजीत मुहूर्त घर और मंदिरों में घट स्थापना होगी और मंदिरों में रामचरितमानस व दुर्गा सप्तशती के पाठ शुरू होंगे।

Chaitra Navratri का महत्व:

Chaitra Navratri को धार्मिक और सामाजिक महत्व का दृष्टिकोण दिया जाता है। यह उत्सव हमें अच्छाई, पावनता और उत्साह की ओर उत्तेजित करता है। इसके दौरान, लोग मां दुर्गा का पूजन करते हैं और नौ दिनों तक उपवास करते हैं। ( Ap pad rhe h Chaitra Navratri 2024 )

Chaitra Navratri 2024
Chaitra Navratri 2024

Chaitra Navratri के नौ दिन और माता की पूजा:

  1. Navratri ke phele din प्रथम दिन (9 अप्रैल) : शैलपुत्री

    • शैलपुत्री माँ को पहले दिन पूजा जाता है। वह लेटी हुई या बैठी हुई माँ के स्वरूप में पूजा जाता है। उन्हें भगवान शिव की पत्नी के रूप में जाना जाता है।
  2. Navratri ke dusre din द्वितीय दिन (10 अप्रैल): ब्रह्मचारिणी

    • ब्रह्मचारिणी माँ को दूसरे दिन पूजा जाता है। वह तपस्या और साधना का प्रतीक हैं।
  3. Navratri ke tisre din तृतीय दिन (11 अप्रैल): चंद्रघण्टा

    • चंद्रघण्टा माँ को तीसरे दिन पूजा जाता है। उन्हें शक्ति और बल का प्रतीक माना जाता है।
  4. Navratri ke chauthe din चतुर्थ दिन (12 अप्रैल): कूष्माण्डा

    • कूष्माण्डा माँ को चौथे दिन पूजा जाता है। उन्हें संसार के सृष्टि का प्रतीक माना जाता है।
  5. Navratri ke panchve din पंचमी दिन (13 अप्रैल): स्कंदमाता

    • स्कंदमाता माँ को पाँचवे दिन पूजा जाता है। उन्हें शिव की पत्नी के रूप में पूजा जाता है जो कुमार स्कंद की मां हैं।
  6. Navaratri ke chatheve din षष्ठी दिन (14 अप्रैल): कात्यायनी

    • कात्यायनी माँ को छठे दिन पूजा जाता है। उन्हें धर्म और न्याय की देवी माना जाता है।
  7. Navaratri ke satve सप्तमी दिन (15 अप्रैल): कालरात्रि

    • कालरात्रि माँ को सातवे दिन पूजा जाता है। उन्हें शूरवीरता और शांति की देवी माना जाता है।
  8.  Navaratri ke aadhve din अष्टमी दिन  (16 अप्रैल): महागौरी

    • महागौरी माँ को आठवें दिन पूजा जाता है। उन्हें शांति, संयम, और पवित्रता की देवी माना जाता है।
  9.  Navaratri ke nove din नवमी दिन (17 अप्रैल): सिद्धिदात्री

    • सिद्धिदात्री माँ को नौवे और अंतिम दिन पूजा जाता है। उन्हें सभी प्रकार की सिद्धि और शक्ति की देवी माना जाता है।

Chaitra Navratri के उत्सव के दौरान, लोग अपने घरों और मंदिरों में इन माताओं की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। यह उत्सव हमें माँ की कृपा और शक्ति के साथ नए उत्साह और ऊर्जा से भर देता है।

Chaitra Navratri 2024
Chaitra Navratri 2024

चैत्र नवरात्रि पर्व कब से मनाया जा रहा है ?

नवरात्रि का पर्व बहुत ही प्राचीन है और इसका इतिहास बहुत ही पुराना है। यह पर्व हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक अवसरों में से एक है। इसका महत्व वेदों में भी मिलता है। ( Ap pad rhe h Chaitra Navratri 2024 )

नवरात्रि का उल्लेख पुराणों, रामायण, महाभारत, और अन्य प्राचीन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों में नवरात्रि के उत्सव को अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है, लेकिन इसका महत्व और उपासना का प्रकार विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखित है।

इसे दुर्गा पूजा, शक्ति पूजा, और शक्ति के प्रतीक बनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान, लोग माँ दुर्गा की आराधना करते हैं और अपने जीवन में समृद्धि और खुशियों की कामना करते हैं।

नवरात्रि Special Non Stop Devi Bhajans I GULSHAN KUMAR I SONU NIGAM ( Ap pad rhe h Chaitra Navratri 2024 )

Chaitra Navratri 2024: 9 दिनों तक चलेंगे व्रत, जानें पूजा और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
Chaitra Navratri 2024: 9 दिनों तक चलेंगे व्रत, जानें पूजा और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

 

धार्मिक और सामाजिक गतिविधियाँ:

Chaitra Navratri के दौरान, लोग मंदिरों में जाकर मां दुर्गा की मूर्ति की पूजा करते हैं। घरों में पंडाल सजाए जाते हैं और वहाँ पर भजन की जाती है। यह उत्सव हर वर्ष उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। ( Chaitra Navratri 2024 )

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विभिन्न परंपरागत गतिविधियाँ:

Chaitra Navratri  के दौरान, गर्भा और रास गाने का आयोजन किया जाता है, जो खासतौर पर गुजरात, महाराष्ट्र, और पश्चिमी भारत में प्रसिद्ध है। लोग खास उत्साह और आनंद के साथ इन गतिविधियों में भाग लेते हैं। ( Ap pad rhe h Chaitra Navratri 2024 )

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नवरात्रि के उत्सव का समापन:

Chaitra Navratri  के उत्सव का समापन महानवमी के दिन होता है। इस दिन कन्याओं की पूजा की जाती है और उन्हें भोजन की व्यवस्था की जाती है। यह उत्सव समाज में एकता और सामूहिक भावना को बढ़ाता है।

नवरात्रि का समापन: ( Chaitra Navratri 2024 )

Chaitra Navratri के उत्सव का समापन विशेष पूजा और उत्सव के साथ होता है। लोग इस दिन मां दुर्गा के आशीर्वाद का आभास करते हैं और नवरात्रि का पर्व समाप्त करते हैं।

 

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