Rajnath Singh’s Warning To Pakistan Over Terrorism: Rajnath Singh’s Offer In War On Terror
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Pakistan में ‘मॉसैड-जैसे निशाने पर टारगेट किलिंग्स’: भारतीय भूराजनीति और चुनावी परिदृश्य में प्रभाव
गार्डियन द्वारा प्रकट की गई आरोप जिसमें भारत का पाकिस्तान में हमलों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है, उसने बहुत विवाद उत्पन्न किया है। ये आरोप साउथ एशिया के भौगोलिक परिदृश्य को प्रभावित करने के साथ-साथ, भारत की नागरिक राजनीति के लिए भी गहरे प्रभाव रखते हैं, खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए।
Rajnath Singh’s Warning To Pakistan Over Terrorism:
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हाल ही में पाकिस्तान को आतंकवाद पर युद्ध में सहायता का प्रस्ताव देने ने आग लगा दी है। एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को असमर्थता महसूस होती है, तो भारत आतंकवाद को रोकने में सहायता के लिए तैयार है। हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान को भी चेताया कि अगर उसका उद्देश्य भारत को आतंकवाद के जरिए अस्थिर करना है, तो उसको सजा भुगतनी पड़ेगी। ( Rajnath Singh’s Warning To Pakistan )
आरोपों का खंडन:
भारतीय सरकार ने त्वरित रूप से गार्डियन के आरोपों को “झूठा और दुर्भाग्यपूर्ण विरोधी-भारत प्रचार” के रूप में खंडन किया। बाहरी मामलों मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि बाहरी भूमि पर निशाने पर टारगेट किलिंग्स भारत की नीति नहीं है, जिससे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत के अधिकारियों के इंटरव्यू के दौरान भारत के नागरिक के हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था।
संदर्भ और पृष्ठभूमि:
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव, 2019 के पुलवामा हमले और इसके पश्चात भारत द्वारा एक सैन्य आक्रमण जैसे घटनाक्रमों के संदर्भ में, इन आरोपों के लिए एक पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं। यह हमला, जिसका पाकिस्तान में आधारित आतंकवादियों से जुड़ा था, नई दिल्ली के सख्त सैन्य कार्रवाई को उत्तेजित किया। ( Rajnath Singh’s Warning To Pakistan )
भारतीय शामिल होने के आरोप:
( Rajnath Singh’s Warning To Pakistan ) गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आरएएवी) ने पाकिस्तान में निशाने पर टारगेट किलिंग्स का आयोजन किया, जिसमें गंभीर और हिंसक आतंकवादी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को लकड़हारा। रिपोर्ट का दावा है कि पुलवामा हमले के बाद से लेकर इस वक्त तक लगभग 20 ऐसी हत्याएं हुईं थीं, जो भारत के विदेश में गुप्त कार्यों के प्रश्नों उठाती हैं।
निशाने पर किए गए अंतःप्रेरित कत्ल के उदाहरण और इनके खंडन:
कई व्यक्तियों, जैसे आजम चीमा, शेख जमील-उर-रहमान, परमजीत सिंह पंजवार और शाहिद लतीफ, को पाकिस्तान में रहते हुए अज्ञात परिस्थितियों में निशाना बनाया गया है। भारतीय सरकार इन हत्याओं में अपने शामिल होने का खंडन करती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ खतरों को समाप्त करने के लिए किये गए कदमों का हिस्सा है।
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दक्षिण एशिया में भौगोलिक राजनीति के लिए प्रभाव:
ये आरोपों ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ाया है, जिसका क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव हो सकता है। इन आरोपों से डिप्लोमेटिक संबंधों को परेशान किया जा सकता है और दक्षिण एशिया में सुरक्षा चुनौतियों को और भी बढ़ा सकता है, जो पुरानी विवादों और सीमांत विवादों से प्रभावित हो रहे हैं। ( Rajnath Singh’s Warning To Pakistan )
भारतीय चुनावी राजनीति पर प्रभाव:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षा-प्रथम एजेंडा को हमेशा जोर देती रही है, उन आरोपों को आगे ले जाने के लिए इन आरोपों का उपयोग कर सकती है। आतंकवाद के खिलाफ सरकार के सक्रिय कदमों को हाइलाइट करके, भाजपा वोटर्स के बीच समर्थन को संगठित करने और राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दे पर जोर देने में सफल हो सकती है। ( Rajnath Singh’s Warning To Pakistan )
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